श्री स्वामी अभिराम दास जी त्यागी

श्री  स्वामी अभिरामदास जी  त्यागी का परिचय दूं तो यह महान सूर्य के सामने एक दिया जलाने के समान है।  पूर्ण आदर, विनम्रता और विनयशीलता के साथ हम श्री स्वामी अभिरामदास जी त्यागी के बारे में लिखना चाहेंगे.|

१३ – १४ वी शताब्दी में भारत की जनता बहुत असंतुष्ट थी और आध्यात्मिक ज्ञान का अभाव था | इसी दौरान जगद्गुरु श्री स्वामी रामानान्द्चार्य जी ने भारत की जनता को आध्यात्मिक रूप से संतुष्ट किया |  रामानंदी समाज में बहुत सारे संत हुए हैं, श्री स्वामी अभिरामदास जी उनमें से एक प्रसिद्ध और जाने माने संत हैं |

श्री स्वामी अभिरामदास जी त्यागी का जन्म एक खुशहाल परिवार में हुआ था| बचपन  से ही उनके अन्दर जीवन का सही अर्थ समझने की तीव्र इच्छा थी और इसी कारण उन्होंने बहुत कम उम्र में घर छोड़ दिया | परमात्मा के निर्देश से स्वामी अभिरामदास जी त्यागी ने बेतवा – वेदवती गंगा नदी के किनारे, मध्यप्रदेश में सद्गुरु भगवान् श्री स्वामी परमेश्वर दास जी के चरण कमलों में शरण ली और गुरु और संत सेवा में तत्परता से लीन हो गए | तत्पश्चात श्री स्वामी अभिरामदास जी त्यागी ने अयोध्या की तरफ प्रस्थान किया और चित्रकूट में निरंतर अनुशासन और आध्यात्मिक तपस्या से आत्मसाक्षात्कार को प्राप्त किया |

श्री स्वामी अभिरामदास जी का मुख्य ध्येय विश्व की जनता को जीवन का सही अर्थ समझाना व् आध्यात्मिक ज्ञान को बाटना है | इसके लिए वे पूरे विश्व में भ्रमण करते हैं | गुरुदेव का दिव्य व्यक्तित्व सभी अनुयायियों को उनकी तरफ आकर्षित करता है, उनकी उपस्थिति और उनका आभामंडल सभी भक्तों को शान्ति, प्रेम और अपार ख़ुशी प्रदान करता है | भगवान् राम ने इस विश्व को तोहफे के रूप में एक दिव्य व्यक्तित्व के स्वामी श्री अभिरामदास जी त्यागी दिए हैं | स्वामी अभिरामदास जी त्यागी एक चुम्बकीय और आध्यात्मिक व्यक्तित्व के स्वामी हैं | उनके अनुयायी उन्हें श्री राम के नाम से जानते हैं और उनकी श्री राम  भगवान् की तरह पूजा भी करते हैं |